अज्ञात शव पाये जाने पर अपनायी जाने वाली विशेष प्रक्रिया
(B) – अज्ञात प्रकरण
1-हत्या कर के फेंके गये अज्ञात शव के सम्बन्ध में विवेचना के महत्वपूर्ण बिन्दुः- कभी-कभी अभियुक्त द्वारा किसी व्यक्ति की सूनसान स्थान पर हत्या कर दी जाती है अथवा कहीं बाहर से किसी की हत्या कर शव को लाकर सूनसान स्थान पर फेंक दिया जाता है। साथ ही अभियुक्त द्वारा शव की पहचान (चेहरा आदि) नष्ट करने का प्रयास किया जाता है। इस प्रकार फेंका गया शव पाये जाने पर विवेचना के महत्वपूर्ण बिन्दु निम्नवत् हैः-
1- अपराध के सम्बन्ध में पता लगाने हेतु सर्व प्रथम उपरोक्त प्रकार से घटनास्थल का निरीक्षण करना चाहिये तथा शव का विभिन्न कोणों से फोटोग्राफी कराना चाहिये।
2- शव का किस व्यक्ति का है इसका पहचान कराने का पूरा प्रयास तत्काल करना चाहिये।
3- किस प्रकार से मृत्यु हुयी है इसका पता लगाने हेतु पोस्टमार्टम अवश्य कराना चाहिये।
4- शव की पहचान के लिये DNA सैम्पलिंग अवश्य करानी चाहिये।
5- शव के वस्त्र पहचान हेतु सुरक्षित रखना चाहिये।
6- शव के पहचान हेतु अपने जनपद तथा आस-पास के जनपद में कन्ट्रोल के माध्यम से उक्त अवधि में गुमशुदा व्यक्तियों के सम्बन्ध में पता कर पहचान कराने का प्रयास करना चाहिये।
7- शव पाये जाने वाले घटनास्थल तथा आऩे-जाने वाले सभी रास्तों का टावर सीडीआर प्राप्त कर एनालिसिस कर अभियुक्तों के सम्बन्ध में पता लगाने का प्रयास करना चाहिये।
8- शव का पोस्टर/सूचना बनवा कर आस-पास के सभी जनपदों में प्रचारित करना चाहिये।
9- सोशल मीडिया के माध्यम से शव का पहचान करने का प्रयास करना चाहिये।
2- अज्ञात शव की पहचान हो जाने के बाद की विवेचनात्मक प्रक्रियाः- किसी भी व्यक्ति की जब हत्या होती है तो कारण अवश्य ही होता है। यदि हम कारण का पता लगाने में सफल हो जाते हैं तो अभियुक्तों तक पहुँचने में पुलिस को आसानी हो जाती है। शव की पहचान हो जाने के बाद अभियुक्तों का पता लगाने हेतु निम्न बिन्दुओं पर विवेचक को प्रयास करना चाहियेः-
1- मृतक की किससे रंजिश थी।
2- मृतक घर से अन्तिम बार कब, किसके साथ, किस काम से, कहां के लिये, किस साधन से गया था। इस बिन्दु पर मृतक के परिजनों से विस्तृत जानकारी कर केस डायरी में उल्लेख करना चाहिये।
3- मृतक का मोबाईल फोन नम्बर का सीडीआर प्राप्त कर एनालिसिस करना चाहिये।
4- मृतक के पास घर से जाते समय कौन-कौन सा सामान व कितना रूपया था।
5- मृतक की हत्या यदि लूट,डकैती,अपहरण के दौरान की गयी है तो सम्बन्धित जनपद तथा आस-पास के जनपदों से सम्बन्धित गैंग/बदमाश का माडस आपरेन्डिस के माध्यम से तथा मुखबिर के माध्यम से सुरागरसी कर पता लगाना चाहिये।
6- जेल के अन्दर बन्द बदमाशों से भी सुराग प्राप्त कर बदमाशों का पता लगाया जा सकता है।
7- मृतक के घर से घटनास्थल तक के सभी मोबाईल टावर का सीडीआर/बीटीएस प्राप्त कर एनालिसिस कर अभियुक्त का पता लगाया जा सकता है।
शव की पहचान तथा अभियुक्तों की पहचान हो जाने के बाद अन्य विवेचनात्मक कार्यवाही उपरोक्तानुसार की जानी चाहिये।