क्या होता है एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट)-
प्रथम सूचना रिपोर्ट 154 सीआरपीसी में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप दर्ज होती है। इसमें वर्णित है कि संज्ञेय अपराध की सूचना जब थानाध्यक्ष को मौखिक मिलती है, तो उसके द्वारा या निर्देशन पर लेखबद्ध की जायेगी और सूचनादाता को पढ़कर सुनाई जायेगी तथा उसके हस्ताक्षर कराये जायेंगे। यदि लिखित सूचना मिलती है तो भी सूचनाकर्ता के द्वारा हस्ताक्षर बनाया जायेगा तथा विहित प्रारूप में लेखबद्ध की जायेगी।
प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति सूचनाकर्ता को निःशुल्क दी जायेगी।
यदि कोई व्यक्ति किसी पुलिस थाने के थानाध्यक्ष द्वारा संज्ञेय अपराध की सूचना को अभिलिखित करने से इनकार करने से व्यथित है तो वह लिखित रूप से डाक द्वारा सूचना पुलिस अधीक्षक को भेज सकता है। पुलिस अधीक्षक को यदि यह समाधान हो जाता है कि यह सूचना संज्ञेय अपराध से सम्बन्धित है तो स्वयं मामले का अन्वेषण करेंगें या अपने अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी द्वारा अन्वेषण किये जाने का आदेश देंगे। उस अधिकारी को उस अपराध के सम्बन्ध में पुलिस थाने के भारसाधक की सभी शक्तियाँ प्राप्त होंगी।
नमूना तहरीर
नमूना एफआईआर (चिक)
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