2- बयानवादी व निरीक्षण घटनास्थलः– उद्यापन (Extortion) की घटना में सूचना के पश्चात विवेचक द्वारा वादी से गहनता से उसकी भावनाओँ का ध्यान रखते हुये सान्तवना देकर पूछताछ कर बयान दर्ज करना चाहिये तथा यथासम्भव उक्त बयान की (161 सीआरपीसी) वीडियो रिकार्डिंग कर डीवीडी बनानी चाहिये। यदि वादी मुकदमा घटनास्थल पर नहीं है बल्कि थाने पर अथवा अन्यत्र मिला है तो उसे साथ लेकर घटनास्थल पर अवश्य जाना चाहिये। घटनास्थल पर यदि कोई प्रत्यक्षदर्शी चक्षु साक्षी है तो वादी तथा साक्षी के निशानदेही पर घटनास्थल का निरीक्षण करना चाहिये।
उद्यापन (Extortion) के मामले में घटनास्थल के निरीक्षण की आवश्यकताः- कुछ विवेचक यह त्रुटि करते हैं कि उद्यापन के मामले में घटनास्थल का निरीक्षण करने तथा नक्शा-नजरी बनाने की आवश्यकता नहीं समझते हैं। उद्यापन (Extortion) के मामले में भी घटनास्थल का निरीक्षण अवश्य करना चाहिये जिससे निम्न लाभ होता हैः-
- यदि वादी से मिलकर अभियुक्त द्वारा उद्यापन (Extortion) किया गया है तो वादी तथा अभियुक्त की मौके पर उपस्थिति थी अथवा नहीं, इस सम्बन्ध में अन्य साक्षी मिल सकते हैं जो परिस्थितिजन्य साक्ष्य होगा।
- यदि उद्यापन फोन के द्वारा किया गया है तो वादी तथा अभियुक्त के मोबाईल नम्बरों के सीडीआर की एनालिसिस से यह फायदा होगा कि वादी कथित घटनास्थल पर (जहाँ पर फोन आया) मौजूद था अथवा नहीं तथा वादी के मोबाईल पर उसके बताये गये नम्बर से काल आयी थी या नहीं।
- नक्शा-नजरी प्रदर्श के रूप में न्यायालय में साबित किया जाता है।
नक्शा नजरी
नमूना घटनास्थल की फोटोग्राफी