उद्यापन (Extortion) किसे कहते है ?— जो कोई किसी व्यक्ति को स्वयं उस व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को कोई क्षति करने के भय में साशय डालता है, और इस प्रकार से भय में डाले गये व्यक्ति को सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई चीज जिसे मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सके किसी व्यक्ति को देने के लिये बेईमानी से उत्प्रेरित करता है, वह ‘उद्यापन‘ करता है।
उद्यापन विभिन्न तरीके — उद्यापन के लिये अपराधी प्रायः विभिन्न तरीके अपनाते हैं, जो निम्नवत् हैः-
1- फोन के माध्यम से 2- अभियुक्त स्वयं अथवा किसी अन्य व्यक्ति या पत्र के माध्यम से
उद्यापन के अपराध में सजा — उद्यापन की धारा 384 भा0द0वि0 में तीन वर्ष तक, 385 भा0द0वि0 में 02 वर्ष तक, 386 भा0द0वि0 में 10 वर्ष तक, 387 भा0द0वि0 में 07 वर्ष तक, 388 भा0द0वि0 में 10 वर्ष तक, 389 भा0द0वि0 में 10 वर्ष तक की सजा (+ अर्थदण्ड) से दण्डनीय है।
यह अपराध संज्ञेय, अजामनतीय, अशमनीय तथा मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।