लूट किसे कहते है ?
सभी प्रकार के लूट में या तो चोरी या उद्यापन होता है।
चोरी कब लूट है — चोरी लूट है, यदि उस चोरी को करने के लिये, या उस चोरी के करने में या उस चोरी द्वारा अभिप्राप्त सम्पत्ति को ले जाने या ले जाने का प्रयत्न करने में, अपराधी उस उद्देश्य से स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु, या क्षति या उसका सदोष अवरोध या फिर तत्काल मृत्यु का, या तत्काल क्षति, या तत्काल सदोष अवरोध का भय कारित करता या कारित करने का प्रयत्न करता है।
उद्यापन (Extortion) कब लूट है — उद्यापन ‘लूट’ है, यदि अपराधी वह उद्यापन करते समय भय में डाले गये व्यक्ति की उपस्थिति में है और उस व्यक्ति को स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ति की तत्काल मृत्यु या तत्काल उपहति या तत्काल सदोष अवरोध के भय में डालकर वह उद्यापन करता है और इस प्रकार भय में भय में डाले गये व्यक्ति को उद्यापन की जाने वाली चीज़ (चल सम्पत्ति) उसी समय और वहीं परिदत्त करने के लिये उत्प्रेरित करता है।
लूट के विभिन्न तरीके — लूट के लिये अपराधी प्रायः विभिन्न तरीके अपनाते हैं, जो निम्नवत् हैः-
1- रास्ते/सड़क पर वाहन/व्यक्ति को रोककर धमकी देकर,बल प्रयोग कर,मारपीट कर अथवा हत्या कर।
2- मकान/दुकान/प्रतिष्ठान/बैंक में धमकी देकर,मारपीट कर अथवा हत्या कर।
लूट के अपराध में सजा — 10 वर्ष तक, राजमार्ग पर सूर्यास्त के बाद व सूर्योदय से पूर्व अपराध कारित होने पर 14 वर्ष तक सश्रम कारावास ( + अर्थदण्ड )
यह अपराध संज्ञेय, अजामनतीय, अशमनीय तथा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।