आरोप पत्रः- विवेचना में यदि अभियुक्त के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाया गया है, तो विवेचक धारा 173 दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार मुकदमें को आरोप पत्र के द्वारा विचारण हेतु न्यायालय भेजता है। आरोप पत्र में पूरी विवेचना का संक्षिप्त विवरण रहता है। इसी के आधार पर न्यायालय में अभियुक्त के विरूद्ध आरोप बनाया जाता है और उसको पढ़कर सुनाया जाता है।
प्रत्येक विवेचक को आरोप पत्र तैयार करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिये-
- आरोप पत्र के सभी कालमों की पूर्ति की जाये और कोई कालम खाली न छोड़ा जाये। यदि कोई सूचना शून्य है, तो उस कालम में यह बात स्पष्ट रूप से लिख दी जाये।
- जब तक धारा 82/83 दं0प्र0सं0 की कार्यवाही किसी अभियुक्त के विरूद्ध न की गयी हो तब तक उसका चालन मफरूरी में न किया जाये।
- यदि कुछ अभियुक्त गिरफ्तार हुये हैं और कुछ गिरफ्तार नहीं हुये हैं तो धारा 82/83 दं0प्र0सं0 की कार्यवाही हो जाने के बाद सभी के विरूद्ध आरोप पत्र दिया जाये।
- आरोप वाले कालम में प्रत्येक अभियुक्त के विरूद्ध आरोप को स्पष्ट रूप से लिखा जाये। यह स्पष्ट रूप से लिखा जाये कि अभियुक्त का चालान किस धारा के अपराध में किया जा रहा है।
- यदि अध्याय 12 या 17 में उल्लिखित अपराधों में से किसी की विवेचना करते समय यह ज्ञात होता है कि अपराधी उसी प्रकार के अपराध में पूर्व में सजा पाया है, तो धारा 75 भा0द0वि0 में अधिक दण्ड देने की संस्तुति की जाये।
- गवाहों के नाम पते के सामने यह भी लिखा जाये कि कौन गवाह क्या साक्ष्य देगा। इससे सरकारी वकील या ए0पी0ओ0 को गवाहों को बुलाने में आसानी रहेगी व सबी गवाहों को नहीं बुलाना पड़ेगा।
- यदि आरोप पत्र वाला अपराध ऐसा है जिसमें किसी अधिकारी की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता है, तो आरोप पत्र न्यायालय भेजने से पूर्व स्वीकृति सम्बन्धित अधिकारी से प्राप्त कर ली जाये।
- यदि आरोप पत्र का अभियोग किसी मादक द्रव्य से सम्बन्धित है, तो मादक द्रव्य के परीक्षण के बाद मादक द्रव्य पाये जाने पर ही आरोप पत्र दिया जाये।
- आरोप पत्र में लिंक एवीडेन्स (यदि हो) के साक्षियों के नाम अवश्य लिखे जायें। उदाहरण के लिये बापर्दा अभियुक्त को थाने से न्यायालय व न्यायालय से जेल ले जाने वाले पुलिसकर्मी का या मादक द्रव्यों के परीक्षण के लिये माल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला ले जाने वाले पुलिसकर्मी का नाम,पता लिखा जाये।
- यदि विवेचना में कई विवेचक रहे हैं, तो प्रत्येक विवेचक के नाम के सामने उसके द्वारा किये गये कार्य को संक्षेप में लिखा जाये।
- जिन अपराधों में हिंसा का प्रयोग हुआ है उनमें आरोप पत्र देते समय यह प्रार्थना की जाये कि यदि यह अभियुक्त दण्डित किये जाते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्ष तक के लिये शान्ति बनाये रखने हेतु पाबन्द जमानत व मुचलका किया जाये। (धारा 106 दं0प्र0सं0)
- यदि अभियुक्त जेल में है आरोप पत्र निर्धारित अवधि के भीतर दिया जाये अन्यथा अभियुक्त जमानत पर छूट जायेगा।
- दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 468 में निर्धारित अवधि में आरोप पत्र न्यायालय भेजा जाये अन्यथा न्यायालय उसके बाद आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लेगा।
- कोई चोट डाक्टर द्वारा विचाराधीन रखी गयी है, तो उसकी पूरक रिपोर्ट प्राप्त करके आरोप पत्र दिया जाये।
- यदि कोई वस्तु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजनी हे तो वह भेज कर आरोप पत्र दिया जाये जैसे- रक्त, मिट्टी, बाल, कपड़ा आदि। उदाहरणार्थ नमूना नीचे संलग्न हैः-
नमूना चार्जशीट