मारपीट की सूचना प्राप्त होने पर विवेचक को घटनास्थल पर जाकर निम्न कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण करनी चाहियेः–
- मारपीट की सूचना प्राप्त होते ही यदि तद्समय मारपीट जारी रहने की सूचना हो तो सर्वप्रथम निकटतम चौकी/पिकेट से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को घटनास्थल पर स्थिति को नियन्त्रित करने हेतु भेजना चाहिये, साथ ही सम्बन्धित थाना प्रभारी को पर्याप्त पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचना चाहिये तथा स्थिति को नियन्त्रण में करते हुये घायलों को यथाशीघ्र दवा-उपचार हेतु पास के चिकित्सालय में भेजना चाहिये।
- घटनास्थल पर या थाने में आये घायलों को सर्वप्रथम एक आरक्षी के साथ चिकित्सीय परीक्षण/उपचार हेतु निकट के स्वास्थ्य केन्द्र/अस्पताल में भेजकर उनका उपचार/चिकित्सीय परीक्षण कराना चाहिये।
- विवेचक को घटनास्थल पर जाकर मारपीट की घटना के कारणों का पता लगाना चाहिये तथा पूछताछ के आधार पर संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित करना चाहिये तथा उनके गहनता से पूछताछ करनी चाहिये।
- होने पर विवेचक/थाना प्रभारी को सर्वप्रथम घटनास्थल पर जाकर घटनास्थल को यलो टेप के माध्यम से सुरक्षित करना चाहिये तथा डाग स्क्वाड व फील्ड यूनिट को भी बुलाना चाहिये।
- घटनास्थल का निरीक्षण बारीकी से करना चाहिये तथा अपराधियों के सम्बन्ध में साक्ष्य यथा फिंगर प्रिन्ट, फुट प्रिन्ट, मोबाईल, सिगरेट के टुकड़े, रक्तरंजित वस्तुएँ, कपड़ों के टुकड़े, मारपीट के दौरान अपराधियों के पास से गिरी मोबाईल आदि एकत्र करते हुये उनका परीक्षण कराना चाहिये।
- घटनास्थल का बीटीएस/टावर सीडीआर निकलवाना चाहिये तथा संदिग्ध मोबाईल नम्बरों को चिन्हित करते हुये संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करनी चाहिये।
- घटनास्थल के पास स्थित दुकानदारों/निवासियों से पूछताछ करनी चाहिये तथा घटना के सम्बन्ध में जानकारी कर महत्वपूर्ण जानकारियों को अपने केस डायरी में उल्लेख करना चाहिये।
- यदि घटना में मोबाईल फोन भी अभियुक्तों द्वारा ले जाया गया है, तो उसका नम्बर प्राप्त कर छोटे-छोटे अन्तराल पर लगातार ब्लैंक मैसेज भेजना चाहिये।
- अभियुक्तों के आने-जाने वाले रास्ते तथा टोल-प्लाजा सहित विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का अवलोकन कर अभियुक्तों की पहचान करने का प्रयास करना चाहिये।
- संदिग्ध व्यक्तियों तथा चश्मदीद साक्षियों का पूर्ण विवरण जैसे- नाम,पिता का नाम, गाँव, थाना, जिला, मोबाईल नम्बर प्राप्त कर केस डायरी में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिये।
- अभियुक्तों के अज्ञात होने पर उनका हुलिया तथा सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर जनपद के अन्दर तथा आस-पास के जनपदों के सभी थानों, डीसीआरबी के माध्यम से मिलान कराकर अभियुक्तों की पहचान सुनिश्चित करना चाहिये। (विश्वविद्यालय/कालेजों में मारपीट होने पर तथा एकतरफा प्रेम प्रसंग के मामले में तेजाब फेंकने वाले अभियुक्त प्रायः अज्ञात होते हैं।)
- अभियुक्तों की गिरफ्तारी के पश्चात उनके निशानदेही पर उनके कब्जे से शस्त्र, तेजाब की बोतल जो घटना में उपयोग किया गया है आदि साक्षियों के समक्ष बरामद कर फर्द (धारा 27 साक्ष्य अधिनियम) तैयार करना चाहिये।
- संदिग्ध अभियुक्तों का मोबाईल नम्बर प्राप्त कर घटनास्थल के बीटीएस/टावर सीडीआर से मिलान करें तथा ग्रुप कालिंग का भी एनालिसिस कर चिन्हित करें।