चोरी की सूचना प्राप्त होने पर विवेचक को घटनास्थल पर जाकर निम्न कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण करनी चाहियेः–
- चोरी की सूचना प्राप्त होने पर विवेचक/थाना प्रभारी को सर्वप्रथम घटनास्थल पर जाकर घटनास्थल को यलो टेप के माध्यम से सुरक्षित करना चाहिये तथा डाग स्क्वाड व फील्ड यूनिट को भी बुलाना चाहिये।
- घटनास्थल का निरीक्षण बारीकी से करना चाहिये तथा अपराधियों के सम्बन्ध में साक्ष्य यथा फिंगर प्रिन्ट, फुट प्रिन्ट, मोबाईल, सिगरेट के टुकड़े, रक्तरंजित वस्तुएँ, कपड़ों के टुकड़े आदि एकत्र करते हुये उनका परीक्षण कराना चाहिये।
- घटनास्थल का बीटीएस/टावर सीडीआर निकलवाना चाहिये तथा संदिग्ध मोबाईल नम्बरों को चिन्हित करते हुये संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करनी चाहिये।
- आस-पास के सम्भावित स्थलों व घटनास्थल की ओर आने-जाने वाले रास्तों के निवासियों से भी पूछताछ करनी चाहिये। सम्भव है कि रात्रि में आवाज होने पर जागने वाले किसी व्यक्ति द्वारा अपराधियों का हुलिया प्राप्त हो जाये।
- यदि घटना में मोबाईल फोन भी अभियुक्तों द्वारा ले जाया गया है, तो उसका नम्बर प्राप्त कर छोटे-छोटे अन्तराल पर लगातार ब्लैंक मैसेज भेजना चाहिये।
- अभियुक्तों के आने-जाने वाले रास्ते तथा टोल-प्लाजा सहित विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का अवलोकन कर अभियुक्तों की पहचान करने का प्रयास करना चाहिये।
- चोरी की घटना में यदि अभियुक्तों द्वारा वादी का कोई दस्तावेज, पहचान पत्र, नम्बरी सामान अथवा रूपया ले जाया गया है, तो विवेचक द्वारा इस बिन्दु पर स्पष्ट व विस्तृत रूप से केस डायरी में उल्लेख किया जाना चाहिये।
- संदिग्ध व्यक्तियों तथा चश्मदीद साक्षियों का पूर्ण विवरण जैसे- नाम,पिता का नाम, गाँव, थाना, जिला, मोबाईल नम्बर प्राप्त कर केस डायरी में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिये।
- अभियुक्तों का हुलिया तथा सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर जनपद के अन्दर तथा आस-पास के जनपदों के सभी थानों, डीसीआरबी के माध्यम से मिलान कराकर अभियुक्तों की पहचान सुनिश्चित करना चाहिये।
- अभियुक्तों का पता लगाने हेतु मुखबिर लगाना चाहिये तथा जेलों में बन्द अपराधियों के माध्यम से भी सुरागरसी करानी चाहिये।
- अभियुक्तों की गिरफ्तारी के पश्चात उनके निशानदेही पर उनके कब्जे से चोरी का माल मय नम्बरी माल (डीएल, पहचान पत्र, लाईसेन्सी शस्त्र, पासपोर्ट) आदि साक्षियों के समक्ष बरामद कर फर्द (धारा 27 साक्ष्य अधिनियम) तैयार करना चाहिये।
- विवेचक को चाहिये कि सर्वप्रथम अपने थाना के 10 साला आपराधिक इतिहास रजिस्टर तथा रजिस्टर नम्बर-08 का अवलोकन कर अपराध की कार्यप्रणाली से मिलान कर अभियुक्तों को चिन्हित करें। आसपास के थाने तथा अपने तथा आसपास के जनपदों के डीसीआरबी से कार्यप्रणाली के आधार पर अभियुक्तों को चिन्हित कर उनकी मौजूदगी/संलिप्तता के सम्बन्ध में सुरागरसी कर चिन्हित कर कार्यवाही करें। साथ ही संदिग्ध अभियुक्तों का मोबाईल नम्बर प्राप्त कर घटनास्थल के बीटीएस/टावर सीडीआर से मिलान करें तथा ग्रुप कालिंग का भी एनालिसिस कर चिन्हित करें।