फाईनल रिपोर्ट या अन्तिम रिपोर्टः-
1- धारा 173 दं0प्र0सं0 के प्रावधान में ही पुलिस विवेचना के पश्चात निम्न कारणों से अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित करती हैः-
अभियुक्तों का पता नहीं चला।
गवाहों ने कार्यवाही शिनाख्त में अभियुक्तों को नहीं पहचाना या सम्पत्ति को नहीं पहचाना।
साक्ष्य पर्याप्त नहीं है।
मुकदमा झूठा या गलत पाया गया।
2- किसी अपराध के अभियोग में अन्तिम रिपोर्ट लगाने से पूर्व विवेचक को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि विवेचना में किसी गवाह का बयान लिखने से न छूट गया हो।
3- अन्तिम रिपोर्ट लगाने के बाद अभियुक्त के पकड़े जाने या माल बरामद होने पर अग्रिम विवेचना 173(8) दं0प्र0सं0 के तहत पुनः शुरू की जा सकती है।
4- यदि अभियोग झूठा पाया गया तो धारा 182/211 भा0द0वि0 की कार्यवाही अलग से की जाये।
5- वादी को अन्तिम रिपोर्ट लगाने के बाद सूचित किया जाना आवश्यक है।
6- न्यायालय अन्तिम रिपोर्ट स्वीकार कर सकता है, परन्तु इससे पूर्व वादी को न्यायालय में बुलाकर सुना जाता है, न्यायालय अन्तिम रिपोर्ट पर विचारण भी कर सकता है।
नमूना अन्तिम रिपोर्ट